स्कूल प्रिंसिपल संदेश

श्री अखय रॉय

केंद्रीय विद्यालय संगठन की स्थापना का एक उद्देश्य पूरे भारत में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को एक समान शैक्षिक पाठ्यक्रम और पर्यावरण प्रदान करना है। दूसरी ओर, भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित केन्द्रीय विद्यालयों में, यह सभी वर्गों के छात्रों के मन में राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना पैदा कर रहा है। यह लक्ष्य या उद्देश्य कठिन है लेकिन असंभव नहीं है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने में, शिक्षक वह केंद्र बिंदु है जिसके कंधों पर इस महान लक्ष्य और उद्देश्य को पूरा करना है।

मेरे विचार में, यदि शिक्षा को औपचारिकताओं की सीमाओं से बाहर ले जाया जाता है और जानकारी और तथ्यों की परिधि से, छात्रों की जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन और कार्य के व्यवहार के आधार पर, कार्य समर्पित भाव पूर्ण समर्पण के साथ किया जाना चाहिए, फिर केंद्रीय विद्यालय संगठन की स्थापना के सभी उद्देश्य। और लक्ष्यों को अधिक आसानी से और जल्दी से पूरा किया जा सकता है।

शिक्षा जो जीवन के श्रेष्ठ चरित्र, श्रेष्ठ चरित्र और सभी चिंताओं के लिए मुक्ति का माध्यम है, वही शिक्षा के अर्थ में सत्य है। तभी, एक कवि की इन पंक्तियों को अनजाने में याद किया जाता है

शिक्षा जीवन का प्रकाश है, शिक्षा जीवन का प्रकाश है

श्रंगार चरित्र है, यह क्षमताओं का विकास है।